326 बीघा सरकारी जमीन फर्जी तरीके से 58 लोगों को कर दी आवंटित; चकबंदी विभाग के 4 कर्मचारी गिरफ्तार

326 बीघा सरकारी जमीन फर्जी तरीके से 58 लोगों को कर दी आवंटित; चकबंदी विभाग के 4 कर्मचारी गिरफ्तार

326 Bigha Government Land Fraud

326 Bigha Government Land Fraud

326 Bigha Government Land Fraud: उत्तर प्रदेश के संभल से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां चकबंदी विभाग के कर्मचारियों ने 55 लोगों को रेवड़ी की 326 बीघा जमीन बांट दी. पुलिस ने इस सरकार जमीन घोटाले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू कर दी है. 326 बीघा जमीन की कीमत करीब 13 करोड़ रुपये आंकी जा रही है. इस घोटाले के संबंध में करीब 7 साल पहले शिकायत दर्ज की गई थी.

संभल में चकबंदी विभाग से जुड़े घोटाले के एक मामले में पुलिस ने दो लेखपालों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है. 7 साल पहले इस संबंध में गुन्नौर थाने में चकबंदी लेखपाल कुलदीप सिंह की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी. इस घोटाले में अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर 326 बीघा सरकारी जमीन को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 55 लोगों को आवंटित कर दिया. जांच में सामने आया कि लाभार्थियों के नाम, पते और पहचान सत्यापित ही नहीं हुए थे.

2 लेखपाल सहित 4 अरेस्ट

इतना ही नहीं, जब विभागीय जांच शुरू हुई तो इससे जुड़े सारे दस्तावेज तहसील से गायब कर दिए गए. इस मामले की जांच के लिए बनाई गई विशेष टीम ने छापेमारी कर चार इस केस से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया है. जिनमें मोहरसूद (लेखपाल, अलीगढ़), रामौतार (बुलन्दशहर), रामनिवास (बिजनौर) और कालीचरण (लेखपाल, कासगंज) शामिल हैं. पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर कर फर्जी लाभार्थियों की एक फर्जी सूची तैयार की गई थी और फिर उन्हें यह भूमि आवंटन दर्शाई गई थी.

जांच में जुटी पुलिस

ताकि भविष्य में उस भूमि पर अवैध कब्जा किया जा सके या उसे बेचा जा सके. यह भूमि करीब 13 करोड़ रुपये की बताई जा रही है. संभल पुलिस की इस कार्रवाई से ना सिर्फ भ्रष्टाचारी अधिकारी पकड़ गए है बल्कि उनकी इस कार्रवाई ने भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है. इस मामले में अब हाई लेवल जांच की मांग भी उठने लगी ताकि आखिर किन लोगों के संरक्षण इस घोटाले को अंजाम दिया था इस बात का पता लगाया जा सके.